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Tuesday 29 January 2013

सपनो का बादल



मन के आसमान पर सपनो का बादल चुने
की आओ कोई ख्वाब बुने…
वो ख्वाब हमारी आँखों का
वो ख्वाब हमारी साँसों का
संभाला हो जिसे हमारे हाथो ने
रचा हो जिसे हमारी धड़कन ने
जिसमे हो सिर्फ हमारा असर
महसूस करे सिर्फ हमारी नज़र
ऐसा कोई संसार बने
की आओ कोई ख्वाब बुने…
वो ख्वाब सतरंगी रंगों सा
वो ख्वाब झरने के निर्मल जल सा
वो ख्वाब फूलो सा कोमल
वो ख्वाब हवा सा शीतल
अरमान हमारा साकार बने
की आओ कोई ख्वाब बुने

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